मनोविज्ञान की महत्वपूर्ण परिभाषाएं Important Definitions of Psychology

Important Definitions of Psychology मनोविज्ञान की महत्वपूर्ण परिभाषाएं

मनोविज्ञान की  महत्वपूर्ण परिभाषाएं   Important Definitions of Psychology

महत्वपूर्ण परिभाषाएं

=> वुडवर्थ :-- मनोविज्ञान ने सर्वप्रथम अपनी आत्मा का त्याग किया, फिर मन चेतन का . त्याग किया | आज मनोविज्ञान व्यवहार की विधि को स्वीकार करता है |

=> क्रो&क्रो :-- 20वीं शताब्दी बच्चे की शताब्दी है|

=> वाटसन :-- तुम मुझे कोई भी बच्चा दे दो और मैं उसे कुछ भी बना सकता हूं|

=> लॉक :-- बच्चे कोरी स्लेट [टेबुल रासा] की भांति होते हैं |

=> स्किनर :-- अभिप्रेरणा अधिगम का सर्वोत्कृष्ट राजमार्ग है|

=> रॉस :-- वातावरण कोई बाहरी शक्ति है, जो हमें प्रभावित करती है |

=> वाटसन :-- बालक में सबसे पहले भय, प्रेम तथा क्रोध के संवेग विकसित होते हैं |

=> डॉ. मैके :-- सीखना विकास की प्रक्रिया है |

=> वुडवर्थ :-- वातावरण में वे सब बाह् तत्व आते हैं, जिन्होंने व्यक्ति को जन्म से प्रभावित किया है |

=> कोठारी आयोग :-- भारत के भाग्य का निर्माण उसकी कक्षाओं में हो रहा है |

=> अरस्तु :-- मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है |

=> प्लेटो :-- अपनी संस्था के प्रवेश द्वार पर लिखवाया कि –“ जिसे ज्यामिति का ज्ञान नहीं है, उसका प्रवेश निषेध है |”

=> B.F. स्किनर :- सीखना विज्ञान है और सिखाना कला है |

=> बर्ट :- पिछड़ें बालक वे है जो अपनी आयु स्तर की कक्षा से 1 सीढ़ी नीचे की कक्षा का कार्य भी नहीं कर पाते हैं |

=> विवेकानंद :- मनुष्य में अन्तर्निहित पूर्णता की अभिव्यक्ति ही शिक्षा है |

=> गाँधी जी :- शिक्षा से मेरा तात्पर्य शारीरिक, मानसिक व आत्मा के सर्वोच्च विकास से है|

=> फ्रोबेल (किंडरगार्डन) :- शिक्षक एक माली है, जो पौधे रुपी विद्यार्थी में .....

=> बकिंघम (NCF 2005) :- पाठ्यक्रम कलाकार (शिक्षक) के हाथ में एक यन्त्र है, जिससे वह सामग्री (विद्यार्थी) कों कलागृह (स्कूल) में मोड़ता है |

=> किलपेट्रिक :- प्रायोजना वह उद्देश्य पूरक कार्य है, जो स्वाभाविक व सामाजिक परिस्थितियों में पूरा किया जाता है |

=> किशोरावस्था के सिद्धांत (2) :- त्वरित विकास का सिद्धांत {अकस्मात्} -- स्टेनले हॉल

            क्रमिक विकास का सिद्धांत ----- थार्नडाइक व होलिंगवर्थ

विकास की अवस्थाएं :--


(1) शैशवावस्था (जन्म से 5 वर्ष) :-

हे आदर्श वेलेंटाइन ! 20 कौवे , रूसो में हाथ, पैर, नेत्र खाए| ब् ब्रिजेश 2 साल में संवेग | फ्राइड काम भाव | वाटसन-> सीखने की सीमा |रॉस कल्पना का नायक|


गैसेल :--   बालक प्रथम 6 वर्षों में बाद के 12 वर्षों से भी दोगुना सीख लेता है

स्ट्रैंग:- बालक जीवन के प्रथम 2 वर्षों में भावीजीवन का शिलान्यास कर लेता है

गुड एनफ :-- बालक का जितना भी मानसिक विकास होता है, उसका आधा 3 वर्ष तक हो जाता है |

(2) बाल्यावस्था [6 –12 वर्ष तक] :--

कॉल एंड ब्रूस -> अनोखा काल | रॉस-> छद्म- मिथ्या | फ्राइड काम की प्रसुप्तावस्था | किलपैट्रिक-> प्रतिद्वंद्वात्मक समाजीकरण | स्ट्रेंग -> 10 साल में सब खेल

ब्लेयर, जॉन्स एवं सिंपसन :- शैक्षिक दृष्टिकोण से बाल्यावस्था से महत्वपूर्ण कोई अवस्था नहीं है

(3) किशोरावस्था (12-18 वर्ष तक) :--

हॉल में अकस्मात, संघर्ष, तनाव, तूफान | किलपैट्रिक नया जन्म, कठिन काल | वेलेंटाइन-> अपराधी प्रवृत्ति & घनिष्ठ मित्रता | जॉन्स -> शैशवावस्था की पुनरावृति |

(4) वयस्कावस्था [18 वर्ष के बाद]
अधिगम :--



मार्गन में स्थाई परिवर्तन | कौए की आदत |गेट का प्रशिक्षण | स्किन को उत्तरोत्तर अनुकूल करो | पावलव अनुबंध अनुक्रिया | वुडवर्थ -> नवीन ज्ञान प्राप्त करें|


गिलफोर्ड-> व्यापार के फलस्वरूप परिवर्तन |
व्यक्तित्व :--



ऑलपोर्ट :-- मनोदैहिक व्यवस्थाओं का गत्यात्मक संगठन है


वेलेंटाइन:-- व्यक्तित्व जन्मजात एवं अर्जित प्रवृत्तियों का योग है


वुडवर्थ :-- व्यक्तित्व व्यक्ति की संपूर्ण गुणात्मकता है
बुद्धि :--



टरमन-> अमूर्त विचार की योग्यता | बिने-> चार शब्द (ज्ञान, आविष्कार, निदेश, आलोचना)


स्पीयरमैन -> तार्किक चिंतन | थार्नडाइक -> पूर्व अनुभव | बकिंघम – सिखाने की योग्यता
अभिप्रेरणा =>
डोनाल्ड – ऊर्जा , क्रेच -क्यों , गुड – नियंत्रण , स्किनर - राजमार्ग
मनोविज्ञान
=> वुडवर्थ – आत्मा का त्याग, वाटसन – धनात्मक विज्ञान , मेक्दुगल – यथार्थ विज्ञान , स्किनर -व्यवहार व अनुभूति का विज्ञान, क्रो & क्रो – मानव सम्बन्ध , फ्रायड – अचेतन मन , मार्गन – मानव व पशु व्यवहार


सेंट्रोक :- मनोविज्ञान व्यवहार व मानसिक प्रक्रियाओं का विज्ञान है |
·
शिक्षा मनोविज्ञान :-
स्किनर – सीखना व सिखाने का अध्ययन , स्टीफन – क्रमबद्ध अध्ययन , क्रो & क्रो – जन्म से वृद्धावस्था तक सिखाने का अध्ययन

बाल विकास –

क्रो& क्रो- गर्भावस्था से किशोरावस्था तक के परिवर्तनों .. , बर्क – जन्म से परिपक्वावस्था तक के परिवर्तनो का .... , आइजनेक – शैशवावस्था से किशोरावस्था तक ..

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Hey there! myself Rahul Kumawat . I post articles about psychology, Sanskrit, Hindi literature, grammar and Rajasthan GK ..

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