भारतीय शिक्षा का विकास-क्रम
1813 का चार्टर एक्ट |
भारतीयोंकी शिक्षा पर 1लाख रुपये खर्च करने का प्रावधान किया गया जो अंग्रेज इसको अंग्रेजी शिक्षा पर खर्च करना चाहते थे = पाश्चात्य विचारधारा जो भारतीय इसे उर्दू-संस्कृत-फारसी शिक्षा पर खर्च करना चाहते थे= प्राच्य विचारधारा |
1835 का मैकाले का घोषणा-पत्र |
मैकाले कानूनी सलाहकार था GG विलियम बैंटिक ने मैकाले व राजा राममोहन राय के समर्थन पर एक लाख धनराशि को अंग्रेजी शिक्षा पर खर्च करवाया प्राच्य शिक्षा भी चलती रही, पर अंग्रेजी शिक्षा पर जोर दिया गया मैकाले को अंग्रेजी शिक्षा का जनक कहा जाता है |
1848 का पहला बालिका स्कूल |
ज्योतिबा फुले व सावित्रीबाई फुले द्वारा पुणे , महाराष्ट्र में |
1854 का वुड डिस्पेच |
चार्ल्स वुड की अध्यक्षता वाली जांच समिति ने भारतीय शिक्षा व्यवस्था पर प्रतिवेदन (Report) प्रस्तुत की( वुड डिस्पैच) इसमें औद्योगिक विद्यालयों व स्त्री शिक्षा की सिफारिश की गई इस घोषणापत्र को भारतीय शिक्षा का मैग्नाकार्टा / महाधिकार-पत्र कहा जाता है |
1882 का हंटर कमीशन (भारतीय शिक्षा अधिनियम) |
अब तक उच्च शिक्षा की उन्नति हुई, लेकिन प्राथमिक शिक्षा उपेक्षित बनी रही सन् 1882 में प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा व्यवस्था की समीक्षा हेतु W. हंटर की अध्यक्षता में एक जांच आयोग की स्थापना की गई परिणाम स्वरूप शैक्षिक सुधार हुआ |
1937 वर्धा शिक्षा योजना /बुनियादी /नई तालीम |
गांधी जी द्वारा बुनियादी शिक्षा में शिक्षण हेतु मातृभाषा पर जोर दिया गया तथा हस्तशिल्प पर जो 7 से 11 वर्ष तक के बच्चों हेतु अनिवार्य शिक्षा दी जाने लगी ताकि बच्चों को स्वावलंबी बनाया जा सके |
1948 का बिश्वविद्यालय शिक्षा आयोग |
अध्यक्ष :- राधाकृष्णन प्रयोजन :- विश्वविद्यालय शिक्षा में सुधार हेतु परिणाम :- अनेक विश्वविद्यालय खोले गए |
1952 का माध्यमिक शिक्षा आयोग [मुदालियर आयोग] |
अध्यक्ष :- डॉ लक्ष्मण स्वामी मुडालियर उद्देश्य :- माध्यमिक शिक्षा के स्तर में सुधार सुझाव :- MCQ परीक्षण पद्धति को अपनाया जावे माध्यमिक स्तर के दो स्तर हो माध्यमिक व उच्च माध्यमिक |
1956 विश्वविद्यालय अनुदान आयोग |
[UGC] विश्वविद्यालयों कों मान्यता देता है तथा उन्हें अनुदान देता है |
1964-66 कोठारी आयोग [राष्ट्रीय शिक्षा आयोग] |
अध्यक्ष :- दौलत सिंह कोठारी( तब UGC के अध्यक्ष थे) उद्देश्य :- स्कूली शिक्षा प्रणाली को नया आकार व नई दिशा देना सुझाव :- 6 वर्ष के बच्चों का नामांकन हो त्रिभाषा सूत्र विषय विभाजन कक्षा 10 के बाद हूं कॉमन स्कूल सिस्टम लागू हो वर्तमान शिक्षा प्रणाली इसी पर आधारित है |
1968 प्रथम राष्ट्रीय शिक्षा नीति [पुरानी राष्ट्रीय शिक्षा नीति] |
कोठारी आयोग की सिफारिशों के आधार पर सुझाव :- शिक्षा प्रणाली10+2+3 पर आधारित हो |
1986 नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति |
नवोदय विद्यालय की स्थापना की जावे |
1992 संशोधित राष्ट्रीय शिक्षा नीति |
आचार्य राममूर्ति आयोग की समीक्षा के आधार पर NPE 1986 में संशोधन किया गया |
1992 यशपाल समिति |
अध्यक्ष :- प्रोफ़ेसर यशपाल( 21 सदस्य) उद्देश्य:- बच्चों पर पढ़ाई के बोझ को कम करना व शैक्षिक गुणवत्ता में वृद्धि करना सुझाव :- बस्ते के बोझ से बुरा है न समझ पाने का बोझ |
15 अगस्त 1995 मिड डे मील [MDM] |
शुरुआत :- तमिलनाडु राज्य से उद्देश्य :- विद्यालय से बच्चों के पलायन को रोकना प्रारंभ में 3 kg/month गेहूं देते थे 1 सितंबर 2004 से पका हुआ भोजन दिया जाने लगा |
2000-01 सर्व शिक्षा अभियान |
नारा :- सब पढ़े सब बढ़े उद्देश्य :- प्राथमिक शिक्षा का सार्वभौमीकरण 2003 तक सभी बच्चों को विद्यालय मे लाना |
2005 राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा [NCF] |
अध्यक्ष :- प्रोफ़ेसर यशपाल प्रमुख सूत्र :- बिना बोस की शिक्षा व करके सीखना निर्माण :- एनसीईआरटी के द्वारा पाठ्यचर्या निर्माण के 5 सिद्धांत बताएं |
RTE 2009 |
12 दिसंबर 2002 को अनुच्छेद 21A के माध्यम से 86 वें संविधान संशोधन में शिक्षा को मौलिक अधिकार बनाया गया संविधान के अनुच्छेद 45 में 6 वर्ष से 14 वर्ष तक के बच्चों हेतु निशुल्क व अनिवार्य शिक्षा का प्रावधान किया गया ( भारत के नीति निर्देशक तत्वों में) [ स्वतंत्रता के समय] लागू 1 अप्रैल 2010 को (J&K को छोड़कर) |
2010 राष्ट्रीय शिक्षा अभियान (रमसा) |
प्रयोजन :- माध्यमिक शिक्षा को गुणवत्तापूर्ण बनाना मरम्मत आदि कार्यों हेतु धनराशि मुहैया करवाना बालिका शिक्षा को बढ़ावा देना TLM व्यवस्था करना 2020 तक 100% ठहराव सुनिश्चित करना |
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2019 |
9 सदस्य कस्तूरीरंगन समिति की सिफारिशों के आधार पर संशोधन |